सोरायसिस से सीधा संबंध है तनाव का

सोरायसिस से सीधा संबंध है तनाव का

डॉक्‍टर दीपाली भारद्वाज

जब अमेरिकन टीवी सेलिब्रिटी किम कर्दाशियां वेस्‍ट ने सोरायसिस के खिलाफ अपने संघर्ष को बयां किया तब हममें से बहुतों ने इस बारे में ध्‍यान दिया। इसी प्रकार हमारे देश में मशहूर टीवी एंकर अलका धुपकर ने करीब 4 साल पहले एक पठनीय आलेख में सोरायसिस से जूझते हुए पत्रकारिता में अपना मुकाम हासिल करने की दास्‍तां लोगों के सामने रखी। पूरी दुनिया में कम से कम 12.5 करोड़ लोगों के सोरायसिस से पीडि़त होने का अनुमान है।

आखिर सोरायसिस है क्‍या

सीधे शब्‍दों में कहें तो सोरायसिस त्‍वचा की बीमारी है जिसमें पूरे शरीर की त्‍वचा में जलन, सूजन, लाल दाने, खुजलाने की टेंडेंसी, पपड़ीदार धब्‍बे पड़ जाते हैं। ये स्थिति खासकर कोहनी, घुटने और खोपड़ी में ज्‍यादा होती है। इसमें कोशिकाओं का तेज फैलाव होता है जिसका नतीजा सूखी पपड़ीदार त्‍वचा के रूप में सामने आता है। विशेषरूप से ये शरीर की श्‍वेत रक्‍त कोशिकाओं (लिम्‍फोसाइट्स) के द्वारा उत्‍सर्जित रसायनों के कारण होने वाला इन्‍फ्लेमेटरी रिस्‍पॉन्‍स है।

सोरायसिस का कारण क्‍या है

यूं तो सोरायसिस का सटीक कारण ज्ञात नहीं है मगर विशेषज्ञों का मानना है कि ये आनुवांशिक और वातावरण संबंधी कारणों से होता है। हालांकि ये बीमारी वंशानुगत नहीं होती और न ही ये संक्रामक होती है फि‍र भी परिवार के एक से अधिक सदस्‍यों में ये बीमारी देखी जाती है। सोरायसिस के भी कई प्रकार होते हैं जिनमें सबसे आम हैं प्‍लाक सोरायसिस, इनवर्स सोरायसिस, पस्‍ट्यूलर सोरायसिस और ऐसे ही और कई।

लक्षण क्‍या होते हैं

इस बीमारी के लक्षण बहुत विस्‍तृत हैं। सोरायसिस के प्रकार के हिसाब से छोटे, लाल, पपड़ीदार, खुजलाहट भरे धब्‍बे से लेकर जननांगों के पास घाव और यहां तक कि पूरे शरीर पर जलन भरी सतह इसके लक्षण हो सकते हैं। ये लक्षण यूं तो पूरे शरीर पर दिख सकते हैं मगर शरीर के जोड़ों यानी कोहनी और घुटनों पर ज्‍यादा दिखते हैं। वैसे नाखून और खोपड़ी भी इससे प्रभावित होते हैं। खोपड़ी में ये हो जाए तो वो अत्‍यधिक रूसी से भरा दिखता है जो कि तेजी से बालों के झड़ने और हमेशा खुजली करते रहने का कारण हो सकता है। सोरायसिस कुछ मामलों में जोड़ों को प्रभावित भी कर सकता है और इससे सोरायटिक आर्थरायटिस हो सकता है।

किस उम्र में होता है

सोरायसिस किसी भी उम्र में हो सकता है। एकदम छोटे बच्‍चे से लेकर बुजुर्गों तक में। हालांकि आमतौर पर ये बीमारी लोगों में युवावस्‍था के आरंभ में ही पाई जाती है। शोध ये स्‍थापित करते हैं कि हालांकि सोरायसिस आनुवांशिक और वातावरण संबंधी कारणों से हो सकता है मगर तनाव बढ़ने से भी ये समस्‍या हो सकती है।

मैं क्‍या सलाह देती हूं

सोरायसिस के अपने सभी अपने मरीजों को मैं इलाज के अलावा नियमित मेडिेटेशन करने या फ‍िर तनाव दूर करने का कोई और तरीका तलाश करने को कहती हूं। आपकी मानसिक तंदुरुस्‍ती आपकी त्‍वचा की तंदुरुस्‍ती से पूरी तरह जुड़ी है। एक का ध्‍यान रखने के लिए आपको दोनों का ध्‍यान रखना पड़ेगा।

तमाम इलाज के बावजूद किसी भी बीमारी में आपका खान-पान और जीवनशैली बेहद महत्‍वपूर्ण है। इसलिए मैं सभी मरीजों को जीवनशैली से संबंधित कुछ सुझाव भी देती हूं।

सबसे पहले तो भोजन में फ‍िश ऑयल, विटामिन डी और भट कटैया के सप्‍लीमेंट को शामिल करें। नहाने के पानी में समुद्री नमक या ओलिव ऑयल का इस्‍तेमाल करें। रोजाना 3 से 4 लीटर पानी पीएं क्‍योंकि ये आपके शरीर के साथ साथ त्‍वचा में भी नमी बनाए रखता है। नहाने या हाथ धोने के बाद त्‍वचा पर कोई क्रीम लगाएं। अगर आपको लगे कि आपके घर का वातारवरण कुछ ज्‍यादा ही शुष्‍क है तो नमी के लिए कोई उपकरण इस्‍तेमाल करें। किसी भी तरह के कृत्रिम डाई से दूर रहें फ‍िर चाहे वो हेयर डाई हो या सुगंधित साबुन, डियो आदि। इन सभी में जो रसायन होते हैं वो आपकी त्‍वचा के लिए नुकसान देह होते हैं। खाने में पोषाहार को शामिल करें और नियमित व्‍यायाम करें। ये आपके शरीर के साथ-साथ आपके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को भी सही रखेगा।

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सोरायसिस को महज एक त्‍वचा रोग समझकर उसे नजरअंदाज करना आसान है मगर अध्‍ययनों से साबित हुआ है कि ऐसे मरीज जो सोरायसिस के जोखिम क्षेत्र में हैं उनमें डायबिटीज, हाई बीपी, पेट की समस्‍याएं, आर्थराइटिस और लीवर की समस्‍याएं होने का जोखिम भी ज्‍यादा होता है। इसके अलावा सोरायसिस के कारण होने वाले गंभीर मानसिक परेशानी का तो जिक्र ही न करें। इसलिए इस बीमारी से लड़ने को सबसे बेहतर तरीका यही है कि इसके लक्षणों को पहचानें और अपने त्‍वचा रोग विशेषज्ञ की मदद लें।

(डॉक्‍टर दीपाली भारद्वाज दिल्‍ली की जानी-मानी कॉस्‍मेटोलॉजिस्‍ट हैं और राष्‍ट्रपति भवन की प्रेसिडेंट इस्‍टेट क्लिनिक की मानद डर्मेटोलॉजिस्‍ट हैं। दिल्‍ली के डिफेंस कॉलोनी इलाके में डी-305 में उनका क्लिनिक है। उनका ई मेल पता है:  skincare306.col@gmail.com)

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